सुखी जिवन का रहस्य  अगर आप ईस सबाल का जबाब चाहते है। तो आपको ईसे पढना चाहिये जिवन बहुत लम्बा होता अगर उसके सत्य को स्वीकार लीया जाए जिवन क्षन भर मे बित जाता है।  ईस पोस्ट को पढ कर ईसका महत्ब समझ मे आ जायगा आपको पता चलेगा कि जिवन का  अमुल्य ग्याण भी कभी कभी छोट से साघारण ईंसान से मिल जाता है। कभी कभी छोटे मुलाकात भी जिवन को बदल देता है। ग्याण होकर भी हमे कुछ पता नही चलता  सुखी जिवन का रहस्य एक महान सांत हुआ करते थे जो स्वय का आक्षम बनना चाहते थे जिसके लिय वो कई लोगो से मुलाकात करते थे एक जगह से दुसरे जगह जाना पडता था ईसी यात्रा के दोरान एक कन्या बिदुषी से हुई विदूषी ने उनका स्वागत किया और संत से कुछ समय रूक कर आराम करने का आगरा किया संत उनके मिठे बोल बिचार से रूकने का निर्नय लिया  विदुषि ने अपने हाथो का स्वादिस्ट भोजन कराया और उनके अराम करने का बेबस्ता किया खटियाँ पर दरी बिछाया और अपने जमिन पर चटाई बिछा कर शो गई विदुषी को सोते हि निंद आ गईऋ

कहानी एक गाँव कि?


    एक  राजा था जिसका नाम  अखज गुप था जो कि भारत

राजा अखज गुप


देश के बिहार राज के गया जिला के सलेपुर गाँव के रहने बाले थे उस राजा के पास घन दौलत सोना चांदी 500 ऐकड जमीन नौकर चाकर बहुत सारे थे और उस राजा के पास दो बैल थे उस बैल का नाम हिरा और मोती था उन दोनो बैलो को राजा बहुत मानता था 


  एक दिन ऐसा हुआ कि राजा के नौकर ने हिरा और मोती को हल जोतने लेकर गया उस राजा का एक नियम था कि नौकर काम करते रहते थे उसी के साथ राजा भी काम करने लगता था राजा कभी भी बिना मेहन्त के खाता नहीं था तो काम करने लंगे काम करते करते साम हो गया राजा घर आया राजा के लिए खाना राजा खा कर सो गया दुसरे दिन सुबह हुई भिर सब अपन अपने काम पर चले गए 


    राजा भी खेत पर काम करने गया था राजा के लिए खाना खेत पर ही गया जो नौकर थे उनके लिए अलग खाना गया जब राजा खाना एक करे खा रहा थे तो दुसरे तरफ नौकर खा रहे थे तो राजा के लिए अलग पकबान थे और नौकर के लिए अलग राजा खा रहा था  नौकर जो थे वे राजा का मुह ताकने लगे राजा कहा क्या ताकते हो लो तुमलोग भी ईस मे से थोडा थोडा खा लो मै तो जान रहबे किया हूँ तुम लोग मेरे हि थाली मे छेद करोगे 



  बगल मे एक गांव था जिसका नाम बिघा था उस गाँव मे दस बिस आदमी घर बनाकर रहते थे एक दिन क्या हुआ कि राजा के साथ उस गांव के कुछ आदमी ने झगड़ा कर लिया राजा घार्मिक था राजा ने कुछ नहीं बोले 



 उन सब लोगो मन मे बनाया कि राजा को मार कर सारा जमीन छिन लेंगे राजा लडना नही चाहता था एक दिन कि बात है जो छोटा गाँव था उस पर से कुछ लोग आए और राजा के साथ दोस्ती का परसताब रखा राजा के कुछ अपने नौकर भी उनसे मिले थे राजा ने दोस्ती कर ली कुछ दिन हो गय राजा बिंदास उन सब के साथ रहने लगा राजा तीन परिवार था 1.स्वय राजा 2.उनकी पत्नी 3.एक भाई  एक दिन राजा को साम मे दोस्त बोलाकर ले गय उस राजा को उनलोगो ने काट कर मार डाला और उनकी पत्नी और भाई को डेरा के धमका कर सब जमीन लिखा लिया उस राजा का परीबार गरीबी जिंदगी जिने लंगे 




                        🔪 ईससे क्या सिख मिरती हैं दोस्तो कि              आज के जमाने में किसी पर भरोशा कभी नहीं करनी चाहिए

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