राजा रानी एक ही कहानी भाग १?
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राजा रानी एक ही कहानी भाग १?
एक गांव मे एक राजा था जिसका नाम सर्फानरायण था और उसके पत्नी का नाम कल्या थी जिसके दो बेटे थे एक का नाम सुर्यनरायण और दूसरे का नाम बिर प्रताप था उस राजा के पास 500 नौकर काम करते थे उस राजा के पास धन दौलत कि कमी नही था
जब राजा सर्फानरायण घोड़ा पे बइठ कर गाँव में घूमने निकला करते थे सारे गांव एव नगर बासी सलाम करते थे सब कुछ सही बित रहा था तब हि एक बहुत बड़े राजा सुर्य प्रताप को पता चला की सर्फानरायण के दो बेटे है सुर्य प्रताप के घर भी दो बेटियाँ थी
दुसरे दिन सुर्य प्रताप अपने घर से निकला रिसते के लिए जब सुर्य प्रताप देखने गये तो देख लिए सादी का Date रखा गया कुछ दिन बाद सादी हो गई कुछ साल बित गए तब राजा सर्फानरायण ने सोचा कि क्यो न हम अपने दुसरे बेटे बिर प्रताप को उनकी बेटी सोभा से सादी करबा दे उनकी भी सादी हो गई कुछ साल बित गए तब राजा और रानी दोनों पक्ष बुडे हो गए
राजा और रानी घूमने निकले और घूम कर आए तब सुर्य नरायण कि पत्नी बोली स्वामी घोड़े पर घुमना है सुर्यनरायण ने बोला युवराज रथ पर कोई नहीं घुम सकता पत्नी ने पूछा क्यो कि वो रथ पिता जि का है पिता जि उस रथ पर किसी को घुमने कि अनुमति नहीं देते हैं जब तक मुझे उस घोड़े पर नही घुमाते तब तक मुझे आप छू नहीं सकते ऐ से ही कुछ साल बित गए तब राजा के बेटे सुर्यनरायण माता पिता की हत्या कर दी तब जाकर उसकी पत्नी अपने साथ सोने देती थी जब ईस बात को कुछ साल बित गए तब राजा के बेटे बिर प्रताप आए तब उनहे घर में घूसने नहीं दिया गया
/बस ईतनाही अब अगले दिन जय हिंद जय भारत
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